अंतरिक्ष महा-शक्ति बनता भारत



अपनी शक्ति का अहसास दुनिया को कराने के लिए धमाका करना ही पड़ता है। इसीलिए अटल जी ने परमाणु विस्फोट करके दुनिया को भारत की ताकत का अहसास करा दिया था।

आलोचना तो विपक्ष ने तब भी की थी, लेकिन भारत की ताकत इतनी बढ़ गयी थी कि दुनिया को भारत को मजबूत देशो की श्रेणी में रखना शुरू किया। ऐसा नही था कि भारत 1998 में ही परमाणु शक्ति सम्पन्न हुआ था लेकिन इसे जगजाहिर करने की इच्छा शक्ति भारत के नेतृत्व में नही थी यानि सरकार में नही थी।




 इंदिरा गांधी ने भी परमाणु परीक्षण करने की कोशिश की थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाब सहने को वो तैयार नही थी। ( 18 मई 1974 ) उसके बाद कभी भी कोई भी सरकार परमाणु बम होने के बाबजूद, काबिल वैज्ञानिक होने के बाबजूद भी इस तकनीक को जगजाहिर नही कर सकी।

जब चीन लगातार परमाणु बम का परीक्षण कर रहा था... 1962 ,नेहरू के कार्यकाल में हुआ युद्ध भारत हार चूका था, ऐसे में ये परमाणु परीक्षण भारत को खतरा थे। चीन अपने पड़ोसी देशों पर कब्जा करने के लिए तैयार था, (जैसे तिब्बत पर किए हुए है) और सभी देश अपनी रक्षा के लिए किस पर विश्वास रखते? भारत स्वयं इस काबिल नही था की सर उठाके चीन से आँखों में आँखे डालके बात कर सके। 1967 में पूर्वी सीमा पर हुई भारत-चीन जंग में भारत की जीत हुई। लेकिन इसके बाबजूद हथियारों की लड़ाई में हम तब भी चीन से पीछे थे।


20वीं शताब्दी के अंत में जब अटल विहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री बने तो देश के अंदर नया माहौल था। मजबूत इच्छाशक्ति वाले लोग जब कुर्सी पर बैठे तो अंतरराष्ट्रीय दबाब को सहने और समाप्त करने की भी योग्यता उनके अंदर थी।
11 और 13 मई 1998 को हुए 5 परमाणु परीक्षण ने दुनिया को दहला के रख दिया और भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र घोषित कर दिया गया। इसके बाद भारत ने कभी पीछे मुड़ कर नही देखा और लगाकर विकास के पथ पर बढ़ रहा है, बिना किसी डर के


अब नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। भारत ने अंतरिक्ष में जिन्दा सैटेलाइट को मार गिराने वाले सिस्टम के सफल परीक्षण के बाद, विश्व की अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में विश्व मानचित्र पर स्थापित किया है। यह सफलता इतनी बढ़ी है कि अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास ही यह तकनीक थी।
अमेरिका ने 1950 के आस पास, उसके बाद रूस और फिर चीन ने 2007 के आसपास यह मुकाम हासिल कर दिया।


अब जब भारत अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में अपने को स्थापित कर चूका है तो विपक्ष फिर से आलोचना कर रहा है। देश की इतनी बड़ी सिद्धि को राजनीती के घटिया स्तर के साथ धूमिल करने का प्रयास जारी है। विदेशी षड्यंत्र तो हमेशा से होते ही आये हैं भारत के खिलाफ लेकिन भारत के अंदर ही विपक्ष दुश्मन की भूमिका निभा रहा है।


पहले सर्जिकल स्ट्राइक हुई ही नही, अगली बार जब स्वयं पाकिस्तान ने एयर स्ट्राइक की बात स्वीकार कर ली तो कितने आतंकी मारे, या सिर्फ पेड़ गिराये जैसी बातों से हमेशा भारत के दुश्मन की भूमिका में विपक्ष रहा। भारत की इस सफलता पर भी विपक्ष देश के खिलाफ बोल रहा है। देश की सरकार के खिलाफ बोलते हुए देश की छवि धूमिल करने का यह प्रयास सुन्योजित है या नही, यह भी जरूर देखना होगा।


आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की धमक है। UPA सरकार में विश्व की 10 वें नम्बर की अर्थव्यवस्था को मौजूदा मोदी सरकार ने 6वें स्थान पर ले आई है। वंही PPP मॉडल के अनुसार विश्व की तीसरी आर्थिक महाशक्ति भारत बन गया है।सन 2014 के बाद भारत ने हथियारों को भारत में ही बनाने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। Make In India के तहत हथियार न सिर्फ देश में बने बल्कि दूसरे देशों को भी निर्यात हुए।

राफेल, S400 Defense System, जंगी पनडुब्बी, जल-थल-आकाश में परमाणु हथियार दागने की शक्ति हासिल करना, 7000 किलोमीटर की मिसाइल विकसित करना, INS विक्रमादित्य जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर, नयी स्वदेशी तोपें, बुलेटप्रूफ जैकेट्स, AK47 की जगह नई और लेटेस्ट बन्दुके, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर 1 बार भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक, पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके एयर स्ट्राइक, म्यांमार की सीमा पर 3 बार बड़े ऑपरेशन, और कई अन्य बड़े कदमों ने भारत को आज दुनिया की चौथी बड़ी सैन्य शक्ति बना दिया है.

मौजूदा सरकार के समय ISRO, DRDO, RAW, और अन्य सभी विभाग ऐसे ही काम कर रहे हैं जैसे पहले करते थे लेकिन बड़ा बदलाव आया है सरकार की इच्छा शक्ति का। आज संसद में बैठे नेताओं में यह ताकत है की वो निर्णय ले सकें। आज प्रधानमंत्री में यह ताकत है की वह सबके सामने भारत के एंटी सैटेलाइट सिस्टम की घोषणा कर सके. (चीन ने यह घोषणा नही की थी) आज प्रधानमंत्री में यह ताकत है की वह अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने कह सके कि भारत स्वतंत्र राष्ट्र है और किसी भी देश के प्रेसर में काम नही करता। आज प्रधानमंत्री में यह ताकत है कि वह इजराइल जा सकता है और सऊदी अरब भी।


हमारे देश को आगे बढ़ना है तो सरकार में यह इच्छाशक्ति होनी चाहिए। हमेशा होनी चाहिए।

अटल युग में हम परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बने थे
मोदी युग में हम अंतरिक्ष क्षेत्र में सुपर पॉवर बने हैं।

आगे भी यह कारवां चलते रहे... ऐसा प्रयास हम सभी का रहना चाहिए


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