चन्द्रयान 2 : कविता
नया सदी का नया भारत नए सपनो का करता स्वागत लिखने नया इतिहास अब बढ़ चुका है हमारा विजय रथ ऋषि मुनियों की धरती फिर हुई है तेजोमय फिर गर्व से हुआ खड़ा भारत जैसे खड़ा हिमालय ज्ञान, विज्ञानं का वाहक, बन चुका फिर भारत युवा जोश से भरा हुआ, नए सपनों का करता स्वागत हमने है अब ठान लिया, हम नित आगे बढ़ेंगे छोड़ कर यादें वो कड़वी, एक नया अध्याय लिखेंगे छुएंगे हर वो शिखर, जो लगता था अबतक असंभव नई ऊर्जा संग नेतृत्व नया, हर लक्ष्य को करेंगे संभव नया भारत लिख चुका, कहानी मंगलयान की छु रहे हैं धरा हम आज चन्द्रमा की लिख रहे हैं भूमिका , वो अंतरिक्ष की उड़ान की देखेगी दुनिया जल्द सारी, उड़ान गगनयान की चन्द्रयान के प्रथम संस्करण, से सबको यह ज्ञात हुआ जल स्त्रोत पर लगी मुहर भारत का जयकार हुआ घूम चन्द्र के चहुँ ओर, नया कीर्तिमान लिखा इसरो की इस जीत से, भारत का स्वाभिमान जगा देख सफलता चन्द्रायान प्रथम की, दिल में नए विचार जगे धरा छुएंगे अब चाँद की, सपने थे तब नए गढ़े कदम बढ़ाये मेहनत की स्वदेशी मन्त्र को सिद्ध किया दशक बाद फिर पहुँच चुके हम, करने वो सपने पुरे चन