हिन्दू जागरण वर्तमान की आवश्यकता

 The Hindus have cultivated the power of analysis and abstraction. No nation has yet produced a grammar like that of Panini - Swami Vivekananda

बलि किसकी दी जाती है ? शेर की दी जा सकती है, नही.. क्योकि शेर हमारी बलि चढ़ा देगा। हाथी की, कदापि नही.. क्योकि अगर उसके सूड में उठाकर पटक दिया तो हमारा कचूमर निकल जायेगा। फिर घोड़े की, बिलकुल नही.. उसकी एक लात हमको अस्त व्यस्त कर सकती है । फिर बलि किसकी दे। मेमने की.. हाँ.. उसकी ठीक रहेगी क्योकि वो सिर्फ में..में.. ही करेगा। वो हाथ पैर भी नही फेंकेगा। उसको आराम से मार दो। मिमियाने के आलावा कुछ कर नही पायेगा। यह कहानी  सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने मेरठ में सुनाई थी। बिलकुल यही होता है। हमेशा सीधे साधे को ही सताया जाता है। जो अन्याय को चुपचुप सहता रहेगा उसे यह दुनिया हमेशा बलि का बकरा बनाएगी।

 दुनिया में हिन्दुओ की भी यही स्थिति सैकड़ो वर्ष तक रही। पूरी दुनिया में जहाँ इस्लाम से लेकर ईसाईओं ने अपने उपर जहाँ भी अन्याय हुआ, आवाज़ उठाई। जबकि हम लोगो ने क्या किया ? मुग़ल काल से पहले भारत की क्या स्थिति थी? हमारा दुनिया की जीडीपी में 30 प्रतिशत हिस्सा था। यूरोप , अरब जो उस समय पश्चिम के मुख्य व्यापारिक केंद्र थे.. दोनों मुख्य रूप से भारत पर निर्भर थे। अमेरिका की खोज तक नही हुई थी।  लेकिन मुग़ल काल में विदेशियो ने आकर भारत का क्या किया। मुसलमानों ने धार्मिक आधार पर यंहा पर सिर्फ लूटपाट की। हमारे मंदिर तोड़े.. ध्यान रहे उस समय मंदिर का मतलब सिर्फ पूजा करने तक सिमित नही था। संस्कृति की मूल विरासत , एतिहासिक तथ्य , हजारो सालो से सहेजी आ रही अनमोल वस्तुओ आदि का स्थान होता था मंदिर। हजारो पंदुलिपियो को मंदिरों में रखा जाता था। आस पास के क्षेत्र के आंकड़े, राज्य के महत्वपूर्ण काम काज , धार्मिक पुस्तक आदि भी मंदिरों में रखे जाते थे। और एक मंदिर का टूटना मतलब इन सभी चीजो का नष्ट हो जाना। और यही कारण था की एक मंदिर टूटने का मतलब हिन्दू धर्म को एक बड़ी क्षति होती थी। सभ्यता तक मिट सकती थी। और सोचो जब मुस्लिमो ने हजारो मंदिरों तो तोडा तो कितनी बड़ी एतिहासिक और धार्मिक विरासत नष्ट की गयी। सोमनाथ का मंदिर जब मुस्लिमो ने तोडा तो उसमे रखी हजारो पन्दुलिपियो को आग लगा दी गयी। कई वर्षो का इतिहास मिट गया। उस शिवलिंग का सारा अध्यात्मिक तेज नष्ट कर दिया गया। पुस्तकालय में रखी किताबो को नष्ट कर दिया गया। और यह सब पुरे भारत में हुआ। और हम हिन्दुओ ने क्या किया.. कभी भी इस दमन के खिलाफ खड़े हुए.. नही।  हमारे सभी राजाओ ने एक साथ इन मुस्लिमो से लड़ने की सोची.. नही। भारत में मुग़ल काल में हमारे संस्कृति को पुर्णतः मिटाने की कोशिस हुई। हमारे पुराणों में बदलाव किया गया और आपत्तिजनक बातो को लिखा गया। कई पुराणों के कई अध्याय आज उपलब्ध नही है, क्योकि वो सब मुग़ल काल में मिटा दिए गये। सिर्फ यही नही.. तलवार के बल पर हिन्दुओ को मुस्लिम बनने पर मजबूर किया गया। कोल्हू में गन्ने को जिस प्रकार दाबकर रस निकाला जाता है, उसी प्रकार हिन्दुओ को कोल्हू में डालकर अन्य लोगो को जबरजस्ती मुस्लिम बनाया गया।  हिन्दू लडकियों पर किए गये जुल्मो को तो हम पूरी तरह वर्णन भी नहीं कर सकते।  इन सबके बाद भी हमने क्या किया। हमने लड़ाई के लिए मन बनाया। हमने आगे आकर उनसे मुकाबला करने की सोची। कभी नही। हमने हमेसा अपने रीती रिवाजो को तरजीह दी। हम समय के साथ नही बदले। कैसे भूल सकते हैं की प्रथ्वी राज चौहान ने कितनी बार मोहम्मद गौरी को जिन्दा छोड़ दिया। क्यों.. क्योकि हिन्दुओ को हारे हुए व्यक्ति को मारना पाप लगता था। बिना हथियार वाले शत्रु पर हाथ उठाना , पाप बताया गया। और मोहम्मद गौरी ने जीतने पर क्या किया। चौहान की आँखे फोड़ दी। हम हिन्दू , हमेशा से अपनी सादगी , अहिंसा में लगे रहे और कभी विश्व के अंदर आगे आने की नही सोची। 600 वर्ष मुस्लिमो ने वो सब कुछ किया, जो वो कर सकते थे। और हम सहते रहे।

इसके बाद अंग्रेजी युग आया। 18 वी शताब्दी में ईस्ट इंडिया कंपनी से शुरुआत करने वाले अंग्रेज भारत के राजा बन गये। हमारे व्यापार तंत्र को नष्ट कर दिया। लोगो पर इतना टैक्स लगा दिया की उनको आत्महत्या करना , फसल उगाने से ज्यादा अच्छा था। जमीदारी प्रथा के तहत सभी हिन्दुओ को सिर्फ मजदुर तक सिमित रख दिया। हम लोगो की हालत इतनी खराब थी की जनता भूखी मरती थी। अध्यात्मिक और एतिहासिक क्षति जो हमारी मुग़ल काल में हुई, उसने आगे चलकर हमे हमारे संस्कृति से तो अलग किया ही, हमारे जीवन यापन करने के स्तर को भी निचे कर दिया। अंग्रेजो ने भी मुस्लिमो जैसे ही जुल्म ढहाए बीएस अंतर यह था की मुस्लिमो ने सरेआम किया और अंग्रेजो ने एक योजना बनाकर। अंग्रेजो ने ईसाई मिशनरियो को सभी हिन्दुओ को ईसाई बनाने के लिए बुलाया। और उन मिशनरियो को सरकारी संरक्षण दिया। उत्तर पूर्वी राज्यों , जन्हा आदिवासी इलाका था , पुर्णतः ईसाई हो गये। सिर्फ यही नही, पुरे भारत में लोगो को जाति के आधार पर बांटकर ईसाई में परिवर्तित किया गया। जातिगत उन्माद फैलाने के पीछे भी यही षड्यंत्र था की जितने लोग अपने को अलग महसूस करेंगे इतना वो ईसाई बनेंगे।   यह सब होते हुए भी हम लोगो ने क्या किया। क्या कभी इस धर्म परिवर्तन पर बोला। अगर बोला होता तो उत्तर पूर्वी राज्यों के हालत यह नही होते।। वो हिन्दू विहीन नही होते।

 

800 साल की गुलामी का वर्णन इन थोड़े शब्दों में नही हो सकता। आप किताबो को पढ़िए और जानिए कैसे जुल्म ढहाए गये हम पर। मत पढ़िए झांसे में की अंग्रेजो ने भारत में कुछ गलत नही किया, बल्कि उन्होंने भी ईसाई नजरिये से काम किया। और हमारा, हमारे पूर्वजो का लगातार शोषण किया क्यों।।। क्योकि हम इसाई नही थे। मुस्लिमो ने जुल्म ढहाए क्यों।। क्योकि हम मुस्लिम नही थे।।। हम हिन्दू थे और हिन्दू होने की वजह से हमने कभी भी खुलकर विरोध नही किया। कुछ नियमो में बंधकर रहे और शोषण होते हुए देखते रहे। हमारे पास शक्ति नही थी, ऐसा नही था बल्कि जरूरत से ज्यादा सीधा और भोलापन ने हमे कमजोर बना दिया। और हम बन गये वो मेमना जिसकी बलि चढ़ा दो।। वो बस मिमियाने के आलावा कुछ नही बोलेगा।

आज़ादी के बाद जिन लोगो को भारत के नेतृत्व करने का मौका मिला, उनका पहला कार्य था की इस भारत भूमि, इस हिन्दू भूमि, के तीन हिस्से कर दिए गये। इस्लाम और ईसाई धर्म अपनी चाल में सफल हुआ और भारत हिस्सों में बंट गया।  वैसे इस समय तक भारत में राष्ट्रिय स्वयमसेवक संघ की स्थापना हो चुकी थी। वीर सावरकर जैसे नेता भारत की मुख्य कमजोरी को समझ चुके थे। स्वामी विवेकानंद जी , भारत के हिन्दुओ को नींद से जगाने का कार्य शुरू कर चुके थे।

 गर्व से कहो कि हम हिन्दू हैं.. स्वामी विवेकानंद के ये शब्द हिन्दुओ को नींद से जगाने के लिए कहे गये थे जो भूले पड़े थे की हम हिन्दू हैं और क्या कर सकते हैं। हम हिन्दू भूल गये थे अपनी संकृति को। हम हिन्दू भूल गये थे अपनी अध्यात्मिक शक्ति को।।जो हमे दुनिया में सबसे महान बनाती है। अगर हम हिन्दू ऐसे ही चुपचाप रहे तो बलि का बकरा बनते रहेंगे।। और अगर शक्ति का इस्तेमाल करेंगे तो कोई भी हमारी बली चढाने की कोशिश करने से पहले ठीक उसी प्रकार सोचेगा जैसे शेर की बलि चढाने से पहले सोचता है। हम ताकतवर बनेंगे तो दुनिया हमारा कहना मानेगी।    दुनिया झुकेगी.. बस झुकाने वाला चाहिए 


                                       

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