विकास पथ पर बढ़ता भारत
अंग्रेजी काल की गुलामी की जंजीरों को तोड़कर , जब भारत कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से मिजोरम तक एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा , तब भारत " सोने की चिड़िया " की उपमा से बिल्कुल उलट एक गरीब देश था. 600 वर्ष के इस्लामिक शासन ने भारत को सांस्कृतिक रूप से कुचलकर कमजोर बना दिया और 200 वर्ष के अंग्रेजी काल ने भारत को आर्थिक और सामाजिक दोनों प्रकार से क्षति पहुंचाई. एक समय था जब भारत दुनिया की जीडीपी में 35 प्रतिशत का हिस्सेदार था तो वंही अंग्रेजी काल में हालात यह थे की एक सुईं तक इंग्लैंड में निर्मित होकर भारत आती थी. भारत ने दुनिया के इतिहास में सबसे ज्यादा अपनी स्वतंत्रता के लिए क़ुरबानी दी हैं. लाखो युवाओ ने अपने प्राण देकर इस देश को आज़ाद करने के लिए अपनी भागेदारी दी. हम यह बात भी नही भूलनी चाहिए की जब दिल्ली में राजनीतिक पार्टी बनाकर कांग्रेस जब देश की आज़ादी का सपना साकार करने के लिए भविष्य की योजना पर विचार कर रही थी , तब सुभाष चन्द्र बोस ने 1943 में अंडमान निकोबार द्वीप समूह को आजाद करके भारतीय झन्डा फहरा दिया था. आजाद देश का सपना जब भारत के युवाओ के अंदर कूट कूट कर